
बाल मजदूरों को लेकर इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (ILO) और यूनिसेफ ने मिलकर एक रिपोर्ट तैयार की है. इसके मुताबिक़, दुनिया का हर 10वां बच्चा मजदूरी करने को मजबूर है. दुनिया में करीब 16 करोड़ बच्चे मजदूरी कर रहे हैं. इसमें से 39.4% मतलब की 6.3 करोड बच्चिया हैं और 60.6% मतलब की 9.7 करोड़ बच्चे हैं.
रिपोर्ट में ये कहा गया है कि बच्चियों के द्वारा हर हफ्ते घर में किए जा रहे कामों के 21 घंटे को जोड़ दिए जाए तो लड़के और लड़कियों का अंतर लगभग बराबर हो जाता है. इसमें ये भी कहा गया है कि बच्चों में 7.9 करोड़ ऐसे कामों में लगे हुए हैं जिनसे हर दिन उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि साल 2000 के बाद से लगातार बाल मजदूरों में कमी देखने को मिल रही थी. लेकिन, अब 20 साल बाद एक बार फिर बाल मजदूरों की संख्या बढ़ने लगी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2000 में करीब 24.6 करोड़ बच्चे बाल मजदूरी करते थे. इसमें 17 करोड़ बच्चे जोखिम भरा काम करते थे.
हालांकि, इसके बाद से लगातार इसमें कमी देखने को मिला. साल 2004 में ये 22.2 करोड़, 2008 में 21.5 करोड़, 2012 में 16.8 करोड़, 2016 में 15.2 करोड़. लेकिन, साल 2000 में ये आंकड़ा 16 करोड़ पहुंच गया है. मतलब इसमें वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 70% से ज्यादा बाल मजदूर कृषि क्षेत्र में लगे हुए हैं. इनकी संख्या 11.2 करोड़ है. 19.7% सर्विस क्षेत्र में है. ये बच्चे शिक्षा से भी वंचित हैं और पोष्टिक आहार से भी वंचित रहते.
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