नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना का कहर रूकने का नाम नहीं ले रहा है। हालात सामान्य नहीं हैं ऐसे में सरकारी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों को बेड मिलना मुश्किल हो गया है। अब दिल्ली सरकार की नजर राज्य के अंदर के सभी प्राइवेट अस्पतालों पर है। इनमें से कई अस्पतालों में कोरोना के इलाज के पहले से ही विंग बनाने की घोषणा कर दी गई है। लेकिन जिस रफ्तार से मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है उससे दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए भी परेशानी ज्यादा बढ़ गई है।
ऐसे में दिल्ली सरकार ने 50 और उससे ज़्यादा बेड क्षमता वाले निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को 20 प्रतिशत बेड कोविड-19 के मरीज़ों के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया है।
दिल्ली में ऐसे निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम्स की संख्या 117 है। दिल्ली में रविवार को कोरोना के 508 मामले सामने आए हैं। दिल्ली में कुल मरीज़ों की संख्या 13,418 हो गई है। इनमें से दिल्ली में अबतक कोरोना से 261 लोगों की मौत हो चुकी है।
हालांकि राहत की खबर ये है कि 24 घंटे के भीतर दिल्ली में किसी की मौत कोरोना की वजह से नहीं हुई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा रविवार को दी गई जानकारी की मानें तो दिल्ली में पिछले 24 घंटे में किसी भी कोरोना पीड़ित की मौत नहीं हुई है। अब तक कोरोना से कुल 6,540 लोग रिकवर कर चुके हैं।
कोरोना के मामलों में तेजी और उसे लेकर सरकार की तैयारियों पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, ‘सरकार के पास मरीजों के लिए पर्याप्त संख्या में बेड हैं और बेड बढ़ाए जा रहे हैं। सरकार चाहती है कि कुल मरीजों के दोगुनी संख्या में बेड उपलब्ध हों। इसलिए बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है।’