बीजिंग। कोरोना संकट काल के दौरान भी चीन भारत को सीमा विवाद में उलझाने का प्रयास कर रहा है। मगर खुद चीन अपने ही देश से अलग हुए एक हिस्से की आजादी की मांग को ताकत के बलबूते दबाने की कोशिश कर रहा है। इसी के चलते कई बार हिंसक हो चुके विरोध प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए चीनी सरकार ने हॉन्ग-कॉन्ग के लिए नैशनल सिक्यॉरिटी कानून को संसद में पेश किया है। जिसके खिलाफ हॉन्ग कॉन्ग में सड़कों पर लाखों लोग उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं चीन समर्थित पुलिस लोकतंत्र की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों का सख्ती के साथ दमन कर रही है।
चीन की दादागिरी केवल हॉन्ग कॉन्ग और ताइवान में ही नहीं, बल्कि भारत के साथ लगे हुए लद्दाख सीमा पर भी जारी है। ताजा सैन्य झड़पों के बाद चीन ने बड़ी संख्या में सैनिकों को लद्दाख से लगी सीमा के नजदीक तैनात किया है। इतना ही नहीं, चीनी सेना भारतीय सड़क निर्माण को रोकने की भी प्लानिंग कर रही है।
हॉन्ग-कॉन्ग के लिए कानून
शिन्हुआ ने कहा है कि चीनी संसद सत्र से पहले एक बैठक में ‘नैशनल सिक्यॉरिटी की रक्षा के लिए हॉन्ग-कॉन्ग में विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में कानून व्यवस्था को स्थापित करने और बेहतर करने और तंत्र को लागू करने के लिए’ बिल पर समीक्षा को अजेंडा में शामिल किया गया। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक इस कानून के तहत विदेशी हस्तक्षेप, आतंकवाद और राष्ट्रदोही गतिविधयों पर प्रतिबंध होगा जिनसे सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही हो।
1997 में चीन के हिस्से में था हॉन्ग-कॉन्ग
अंग्रेजी अखबार अल जजीरा की कटरीना यू के मुताबिक इस विधेयक से पेइचिंग हॉन्ग-कॉन्ग की राजनीतिक उठापटक को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि हॉन्ग-कॉन्ग ब्रिटिश शासन से चीन के हाथ 1997 में ‘एक देश, दो व्यवस्था’ के तहत आया और उसे खुद के भी कुछ अधिकार मिले हैं। इसमें अलग न्यायपालिका और नागरिकों के लिए आजादी के अधिकार शामिल हैं। यह व्यवस्था 2047 तक के लिए है।
राष्ट्रगान को लेकर विवाद
कुछ दिन पहले हॉन्ग-कॉन्ग में चीन के राष्ट्रगान को लेकर विधान परिषद में पेश किए एक विधेयक पर जमकर बवाल हुआ था। परिषद में चर्चा के दौरान लोकतंत्र समर्थक सांसदों ने इस बिल का विरोध किया था जिसके बाद लोकतंत्र समर्थक कई सांसदों को जबरन परिषद की कार्यवाही से बाहर निकाल दिया गया। बता दें कि इस विधेयक के पास होने के बाद हॉन्ग-कॉन्ग में चीनी राष्ट्रगान का अनादर करना अपराध की श्रेणी में आ जाएगा।
विरोध प्रदर्शनों में कई की मौत
हॉन्ग-कॉन्ग चीन का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है जहां आजादी की मांग को लेकर लाखों संख्या में पहले भी लोगों ने प्रदर्शन किया था। हालांकि, चीनी फौज और हॉन्ग-कॉन्ग की चीन समर्थित सरकार ने महीने भर से ज्यादा समय तक चले इस आंदोलन को हिंसक तरीके से कुचल दिया। इस दौरान हुई झड़पों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई थी।