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श्रीमती चित्रलेखा पोतनीस विदर्भा प्राइड बुक ऑफ़ रिकार्ड्स की इंटरनॅशनल ब्रँड अंबॅसॅडर घोषित और VPBR सोशल रिफॉर्मर अवार्ड से सम्मानित।

“ मैं महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करने के लिए शिक्षा और रोजगार देने की कोशिश करती हूं. ऐसा करते हुए, मैं यह सुनिश्चित करती हूं की वे अभिभूत न हों. चाहे कितनी भी जरूरत हो, मैंने कभी मुफ्त शिक्षा नहीं दी और बिना योग्यता के नौकरी भी नहीं दी। मेरा निरंतर प्रयास है कि मैं उन्हें अपने दम पर कुछ पाने की संतुष्टि का अनुभव कराऊँ ”
–चित्रलेखा पोटनीस

आज भी प्रेरणा और हिम्मत देते हैं गुरू गोबिंद सिंह के उपदेश

शौर्य और साहस के प्रतीक तथा इतिहास को नई धारा देने वाले अद्वितीय, विलक्षण और अनुपम व्यक्तित्व के स्वामी गुरु गोबिंद सिंह जी को इतिहास में एक विलक्षण क्रांतिकारी संत व्यत्वित्व का दर्जा प्राप्त है।

अयोध्या में बन रहा भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर राष्ट्र मंदिर के रूप में भी जाना जायेगा -प्रहलाद सबनानी

भारत में सनातन धर्म का गौरवशाली इतिहास पूरे विश्व में सबसे पुराना माना जाता है। कहते हैं कि लगभग 14,000 विक्रम सम्वत् पूर्व भगवान नील वराह ने अवतार लिया था। नील वराह काल के बाद आदि वराह काल और फिर श्वेत वराह काल हुए।

आजाद भारत की सबसे ताकतवर दलित नेता, भव्यता से भरा रहा जिनका जीवन

दिल्ली के कासांस्टिट्यूशन क्लब में सम्मेलन का संचालन राजनारायण कर रहे थे। राजनारायण मंच से दलित हितों की बात कर रहे थे लेकिन साथ ही वो हरिजन शब्द का इस्तेमाल कर रहे थे। मायावती ने कहा कि एक तरफ आप जाति तोड़ने की बात कर रहे और दूसरी तरफ दलितों के लिए बार-बार हरिजन शब्द का प्रयोग कर रहे हैं।

कांग्रेस और वाम का गठबंधन तो हो गया लेकिन असल समस्या सीट बँटवारे के दौरान आयेगी

पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का वाम मोर्चे से गठबंधन तो हो चुका है। मगर अभी सीटों पर फैसला नहीं हुआ है। 2016 के विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चे ने कांग्रेस को मात्र 92 सीटें ही दी थीं। जिसमें कांग्रेस का चुनाव परिणाम वाम मोर्चे से बहुत अच्छा रहा था।

गुरु शब्द का अर्थ ही अँधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला है

डॉ. राधाकृष्णन ने 12 साल की उम्र में ही बाइबिल और स्वामी विवेकानंद के दर्शन का अध्ययन कर लिया था। उन्होंने दर्शन शास्त्र से एम.ए. किया और 1916 में मद्रास रेजीडेंसी कॉलेज में सहायक अध्यापक के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई।

जनजातियों के बहाने भारत की संप्रभुता के खिलाफ चलाया जा रहा है षड्यंत्र

जब इन जनजातियों की समस्याओं के नाम पर एक ऐसे आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाती है जिसके परिणामस्वरूप यह “असंतोष” केवल किसी जनजाति का सरकार के प्रति विद्रोह तक ही सीमित नहीं रहता बल्कि कहीं कहीं यह सामाजिक आंदोलन का रूप ले लेता है।

गांधी परिवार धृतराष्ट्र की तरह कांग्रेस को डूबते हुए क्यों देख रहा है?

कांग्रेस लगातार एक के बाद एक राजनीतिक भूलें करती जा रही है। एक बार सिद्धान्तों की दृढ़ता दिखाने से संभव है कि कांग्रेस को तात्कालिक राजनीतिक नुकसान हो। सत्ता में भागीदारी कुछ वक्त के लिए कम हो सकती है, किन्तु इससे भविष्य के लिए रास्ते खुलते हैं।

शिक्षा निती मे मुलभुत बदलाव की जरूरत

हर आदमी अपने बच्चों को अच्छा पढाना चाहता है इसलिये आम आदमी हर तकलीफ, मुसीबत सहकर, कर्जा लेकर भी बच्चों को पढाने की पुरी कोशिश कर रहा हैं। यह सारी समस्याएं, गलतियां हम सब जानते है इसलिये अब शिक्षा निती मे क्या सुधार किया जाये इस पर विचार मंथन जरूरी है।

आरक्षण: क्या है पूना पैक्ट और संविधान की नौंवी अनुसूची

पुणे की यरवदा जेल में बंद महात्मा गांधी और डॉ भीमराव अंबेडकर के बीच दलितों के अधिकार और उनके हितों की रक्षा के लिए पूना पैक्ट हुआ था। कहा जाता है कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने बड़े बेमन से इस पैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे।