ग्वालियर, नागपुर, अमृतसर और साबरमती रेलवे स्टेशनों का निजी हाथों में जाना पक्का
रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने (Privatization of Railway stations) के क्रम में ग्वालियर, अमृतसर, नागपुर और गुजरात के साबरमती का निजी हाथों में जाना तय हो गया है। इन स्टेशनों के पुनर्विकास (Redevelopment of Stations) के लिए निजी कंपनियों से मंगायी गई बोली में 32 प्रस्ताव आए। इनमें से रेलवे ने 29 प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया है।
रेलवे स्टेशनों को हवाई अड्डे का शक्ल देने के लिए सरकार की निजीकरण की योजना पर कोविड की वजह से हुए लॉकडाउन का कोई असर नहीं पड़ा है। रेल मंत्रालय की तरफ से बीते दिसंबर में ग्वालियर (Gwalior), नागपुर (Nagpur), अमृतसर (Amritsar) और साबरमती (Sabarmati) रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए बोली मंगायी गई थी। इसे बीते 26 जून को खोला गया था, जिसमें कुल 32 बोलियां मिली थीं। इनमें से 29 बोली को रेलवे ने स्वीकार कर लिया है। जिनकी बोली स्वीकार की गई है, उनमें इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड, कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड, जीएमआर बिजनेस एंड कंसल्टेंसी एलएलपी और क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं।
3 बोलियां निरस्त
रेल मंत्रालय की तरफ से स्टेशनों के निजीकरण के लिए बोली मंगाने वाला संगठन इंडियन रेलवे स्टेशन डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IRSDC) से मिली सूचना के मुताबिक RFQs (रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन) के 32 ऐप्लिकेशन में से 3 निरस्त हो गए। अब कुल 29 बोलियां बचीं हैं। यह बोली लगाने वाली कंपनी अब आगे चरण में हिस्सा लेंगी। रेलवे के मुताबिक नागपुर के लिए 6 बोली, ग्वालियर के लिए 8 बोली, अमृतसर के लिए 6 बोली जबकि साबरमति के लिए 9 बोली योग्य पाई गई हैं।
नामचीन कंपनियों ने लिया है हिस्सा
रेलवे स्टेशनों के निजीकरण की इस प्रक्रिया में इंफ्राप्रोजेक्ट्स लिमिटेड, कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड, जीएमआर बिजनेस एंड कंसल्टेंसी एलएलपी और क्यूब कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग लिमिटेड के साथ साथ एंकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड, आईएसक्यू एशिया इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट्स, मॉन्टैक्लो लिमिटेड, जेकेबी इंफ्रास्ट्रक्चर और कल्याण टोल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को योग्य पाया गया है।
रेलोपोलिस के रूप में विकसित किए जाएंगे ये स्टेशन
रेलवे अपने चुनिंदा स्टेशनों को हवाई अड्डे की तरह विकसित करना चाहता है, जिसे रेलोपोलिस नाम दिया गया है। इन स्टेशनों में रियल एस्टेट का हब भी विकसित किया जाएगा। वहां आवासीय फ्लैट तो होंगे ही, वहां मॉल और शैक्षणिक संस्थान भी बनाये जाएंगे।
IRSDC एक जॉइंट वेंचर है
इंडियन रेलवे स्टेशन डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड RLDA (Rail Land Development Authority) और IRCON की जॉइंट वेंचर कंपनी है, जिसमें वर्तमान में 50-50 फीसदी मालिकाना हक है । RITES के भी जल्द ही 24% इक्विटी के साथ एक अन्य प्रमोटर के रूप में शामिल होने की संभावना है । RITES और IRCON संयुक्त रूप से 50% इक्विटी धारण करेंगे।