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भारत को कैसे मिलेगा टी-20 वर्ल्ड कप जीत का फार्मूला

इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज के पहले मैच पर नजर डाली जाए तो वहां भारतीय टीम ने रोहित शर्मा को आराम दिया और शिखर धवन के साथ केएल राहुल की जोड़ी को मैदान में उतारा। इसके साथ ही अक्षर पटेल को टी-20 सीरीज के पहले मैच में मौका मिला।

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भारत को कैसे मिलेगा टी-20 वर्ल्ड कप जीत का फार्मूला, क्या युवाओं को मिलेगी अनुभव पर तरजीह ?

टीम इंडिया इन दिनों इंग्लैंड के साथ टी-20 सीरीज खेल रही है। सीरीज के शुरूआती चार मैचों के प्रदर्शन को अगर आधार माना जाए तो यह कहा जा सकता है कि भारतीय बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी कई बार झटका दे चुकी है। हालांकि टीम इंडिया चौथे टी-20 को जीत कर सीरीज में 2-2 से बराबरी पर है। ऐसे में शुरूआती मैचों के आधार पर माना जा रहा है कि इस टीम का प्लेइंग इलेवन अभी समझ से बाहर है। क्योंकि जिस तरीके से टीम इंडिया का प्लेइंग इलेवन चुना गया है उसपर कई सवाल भी खड़े हुए है। अगर भारतीय टीम के चयन को देखा जाएं तो इस सीरीज में कई युवा खिलाड़ियों को तरजीह मिली। जिससे यह माना जा सकता है कि कहीं भारतीय टीम मैनेजमेंट आगामी टी-20 वर्ल्ड कप में ज्यादा से ज्यादा युवा खिलाड़ियों को तो नहीं देखना चाहता। इसके साथ ही सवाल यह भी है कि क्या टीम इंडिया अनुभवी खिलाड़ियों को भूल यंग ब्रिगेड के साथ आगे बढ़ेगी।

मौजूदा सीरीज में क्या कहता है टीम इंडिया का प्लेइंग 11 सेलेक्शन !

इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा सीरीज के पहले मैच पर नजर डाली जाए तो वहां भारतीय टीम ने रोहित शर्मा को आराम दिया और शिखर धवन के साथ केएल राहुल की जोड़ी को मैदान में उतारा। इसके साथ ही अक्षर पटेल को टी-20 सीरीज के पहले मैच में मौका मिला। इसके बाद दूसरे टी-20 मैच में भारतीय टीम ने ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव को मौका दिया। जहां ईशान किशन ने शानदार अर्धशतकीय पारी खेली और अपना नाम एक बैकअप ओपनर के रूप में मजबूत किया। इसके बाद तीसरे टी-20 मैच में ईशान किशन को नंबर तीन पर मौका और चौथे टी-20 मैच में सूर्यकुमार को नंबर तीन पर मौका बताता है कि टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप के लिए टीम में युवा खिलाड़ी चाहती है जो आक्रामक अंदाज में क्रिकेट खेलने का दम रखते हो और इसके लिए उन्हें मौका दिया जा रहा है।

हालांकि अब सवाल यह है कि टी-20 क्रिकेट में पहले मैच में शिखर धवन के फ्लॉप होने के बाद क्या उन्हें इस फार्मेट में एक बैकअप ओपनर के रूप में नहीं देखा जा रहा है क्योंकि जिस तरह से उन्हें मौका ना देकर ईशान किशन को मौका दिया गया वो बताता है कि टीम मैनेजमेंट युवा खिलाड़ियों पर दांव लगाना चाहता है।

युवा खिलाड़ियों को लगातार मौका देने को लेकर कप्तान विराट कोहली ने चौथे टेस्ट मैच के बाद सूर्यकुमार और ईशान किशन की तारीफ की। विराट ने दोनों खिलाड़ियों को लेकर कहा कि “सूर्या का खास जिक्र करूंगा, अपने पहले मैच में उन्होंने जबर्दस्त बल्लेबाजी की, ईशान की तरह। दोनों काफी फीयरलेस खिलाड़ी हैं, इसके बाद हमें ज्यादा टी20 इंटरनेशनल मैच नहीं खेलने हैं, तो मैं इन दोनों से कहना चाहूंगा कि दोनों कॉन्फिडेंट रहें और ऐसे ही प्रदर्शन करें। हमें गेंद के साथ भी अच्छा प्रदर्शन कर सके। अपने पहले मैच में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आना आसान नहीं होता है और हम सब दंग रह गए।”

विराट कोहली का यह बयान दर्शाता है कि वह सूर्यकुमार और ईशान किशन दोनों से कितना प्रभावित है और यह विश्वास दिलाता है कि वह आगामी टी-20 वर्ल्ड कप में युवा ब्रिगेड टीम में क्यों चाहते है।

कैसे बनेगी टी-20 वर्ल्ड कप के लिए बेहतरीन प्लेइंग 11 ?

भारतीय टीम के मौजूदा दल पर नजर डाली जाएं यहा तकरीबन 25 खिलाड़ियों का शानदार कोर ग्रुप मौजूद है। इन खिलाड़ियों में बल्लेबाज, गेंदबाज और ऑलराउंडर तीनों तरह के खिलाड़ी शामिल है। वैसे देखा जाएं तो बेहतरीन खिलाड़ियों का टीम में होना हमेशा फायदे का सौदा होता है लेकिन कई बार यह टीम के लिए सिरदर्द भी साबित हो जाता है। अहम मैच में खास प्लेइंग 11 चुनने में कई बार फैसले गलत साबित हो जाते है। इसलिए भारतीय टीम को अगर प्लेइंग 11 को कारगर बनाना है तो उन्हें टीम के हर पोजीशन के लिए एक बैकअप खिलाड़ी तैयार करना होगा। लिहाजा भारतीय टीम ओपनिंग में राहुल और रोहित के साथ ईशान किशन और शिखर धवन को बैकअप ओपनर के रूप में टीम से जोड़ सकती है। चौथे नंबर पर सूर्यकुमार यादव श्रेयस अय्यर का बैकअप हो सकते है। वह टीम के प्लेइंग 11 में भी लगातार जगह बनाने का दम रखते है। वही एक विकेटकीपर के रूप में रिषभ पंत के बैकअप के रूप में ईशान किशन और केएल राहुल है। स्पिन गेंदबाज के रूप में टीम के पास युजवेंद्र चहल के साथ राहुल चाहर, वरूण चक्रवर्ती और अक्षर पटेल जैसे स्पिनर हो सकते है। रवींद्र जडेजा के विकल्प के तौर पर वाशिंगटन सुंदर और क्रुणाल पांड्या पर विचार किया जा सकता है। हालांकि यहां एक बड़ी दिक्कत हार्दिक पांड्या के विकल्प को लेकर होगी क्योंकि एक तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में शिवम दुबे को जो मौके मिले थे वो उन्होंने नहीं भुनाएं जिसकी वजह से कही हार्दिक पांड्या इंजरी की वजह से नहीं खेल पाएं तो भारतीय टीम को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

आखिर टी-20 वर्ल्ड के लिए क्या है जीत का फार्मूला !

भारतीय क्रिकेट टीम टी-20 वर्ल्ड कप को 2007 के बाद से नहीं जीत पाई है। ऐसे में इस बार वर्ल्ड कप का आयोजन भारत में होना है और टीम इंडिया टूर्नामेंट से पहले फेवरेट गिनी जा रही है तो विराट सेना पर जरूर दबाव होगा। जिसको देखते हुए विराट कोहली अपनी टीम की तैयारियों में कोई कमी नहीं देखना चाहेंगे। लेकिन भारतीय टीम को अगर ये खिताब जीतना है तो उन्हें बड़ी से बड़ी टी-20 स्पेशलिस्ट टीमों को हराना होगा और यह आसान नहीं होगा। ऐसे में टीम इंडिया को युवाओं पर जरूर दांव लगाना होगा। मौजूदा समय में टी-20 क्रिकेट काफी बदल चुका है। यहां पहली गेंद से हिट करने वाले बल्लेबाज की जरूरत है जो भारतीय टीम के पास युवाओं के रूप में मौजूद है। वहीं गेंदबाजी में टीम इंडिया के पास कई ऐसे गेंदबाज है जो अपनी वैराईटी से आईपीएल में विदेशी बल्लेबाजों को परेशान कर चुके है। इसलिए अगर विराट कोहली इस वर्ल्ड कप को जीतना चाहते है तो उन्हें भारत से ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में कमाल का खेल दिखाया है और दुनिया उनके टैलेंट से अनजान हो जिसकी वजह से वो दूसरी टीमों को चमका दे सकते है।

दीपक कुमार मिश्रा

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