नितिन गडकरी ने अपने डिपार्टमेंट के अधिकारियों से बात करके इस हाइवे के आरेखन में तब्दीली करके बरगद के इस 400 साल पुराने पेड़ को बचाने को कहा है और आखिरकार यह पेड़ बच गया है।
मुंबई। आजकल महाराष्ट्र के सांगली जिले के भोसे गांव का 400 साल पुराना बरगद का पेड़ सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियों में है। निर्माणाधीन हाइवे का सर्विस रोड उसके पास से गुजरता है। इसलिए यह पेड़ काटकर रोड बनाई जा रही थी। मगर पर्यावरणवादी कार्यकर्ताओं ने इसका पुरजोर विरोध किया। जिसके चलते इस पेड़ को बचाने के लिए हाइवे के नक्शे में ही बदलाव कर दिया।
दरअसल, विरोध बढ़ता देख पेड़ के बारे में जब राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को अवगत कराया गया, तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात की और इस पेड़ को बचाने की मांग की। आदित्य ठाकरे से बात करने के बाद नितिन गडकरी ने इस पेड़ को बचाने के लिए हाइवे के नक्शे में ही बदलाव करके ये प्रोजेक्ट पूरा करने का आदेश दिया है।
गडकरी ने पुराने पेड़ को बचाने की गुजारिश की
निर्माणाधीन रत्नागिरी-नागपुर हाइवे नंबर 166 सांगली जिले के भोसे गांव के पास से गुजर रहा है। सांगली के पर्यावरण वादी कार्यकर्ताओं ने पेड़ काटने का विरोध किया था। सोशल मीडिया में यह विरोध इतना फैल गया कि राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने इसमें दखल दिया। उन्होंने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बात करके इस पुराने पेड़ को बचाने की गुजारिश की।
नितिन गडकरी ने अपने डिपार्टमेंट के अधिकारियों से बात करके इस हाइवे के आरेखन में तब्दीली करके बरगद के इस 400 साल पुराने पेड़ को बचाने को कहा है और आखिरकार यह पेड़ बच गया है।