भाजपा की धमक से हिली तृणमूल कांग्रेस के किले की दीवारें
पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की मर्यादाएं कितनी टूट रहीं हैं और कितनी संवर रही हैं, यह चिंतन का विषय हो सकता है। लेकिन जो राजनीतिक गहमागहमी का वातावरण बना है, वह निसंदेह सभी राजनीतिक दलों को आत्म मंथन करने के लिए बाध्य कर रहा है।