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AIIMS के डॉयरेक्टर का बयान, जून-जुलाई में देश में कहर बनकर टूटेगा कोरोनावायरस

गुलेरिया ने कहा, ‘कोरोना के खिलाफ लड़ाई, जनता की लड़ाई है। ऐसे में जनता को सहयोग करना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर, हैंडवाश जैसे बेसिक नियमों का पालन करना होगा।’

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नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस का कहर जारी है। देश में अबतक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 52 हजार से अधिक हो चुकी है। वहीं इस संक्रमण से अब तक 1,783 मरीजों की मौत हो चुकी है। लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सभी जानना चाहते हैं कि आखिरी कबतक भारत को इस महामारी से निजात मिल पाएगी।

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि मॉडलिंग डाटा के अनुसार जिस तरह भारत में कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, उस हिसाब से संभावना है कि इस बीमारी के आंकड़े जून-जुलाई के दौरान अपने शिखर पर हों।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसे प्रभावित करने वाली कई और फैक्टर्स भी हैं। केवल समय के साथ, हमें पता चल जाएगा कि वे कितने प्रभावी हैं और लॉकडाउन का विस्तार कितना प्रभावी रहा है।

उन्होंने कहा, ‘लॉकडाउन का बहुत फायदा मिला है। पहला फायदा ये है कि केस जितने बढ़ते, उतने नहीं बढ़े हैं। जो हमारे साथ थे, उनके केस कितने ज्यादा हो गए हैं। लोगों को कोविड हॉस्पिटल्स, डॉक्टरों की ट्रेनिंग और टाइम मिला है।’

गुलेरिया ने कहा, ‘कोरोना के खिलाफ लड़ाई, जनता की लड़ाई है। ऐसे में जनता को सहयोग करना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजर, हैंडवाश जैसे बेसिक नियमों का पालन करना होगा।’

उन्होंने कहा, ‘कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबे समय तक चलेगी। ऐसे में सबके लाइफस्टाइल में बदलाव आएगा। आप सबको अपना लाइफस्टाइल बदलना होगा. शॉपिंग मॉल, मूवी थिएटर जाने पर आपको नए नियम जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क को अपनाना होगा।’

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