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साहित्य की दुनिया के वो कवि थे राहत इंदौरी, जिसके जाने से अब अनाथ हो गयी शायरी…

11 अगस्त की शाम हिंदी और उर्दू जगल कवियों के लिए काफी परेशान करने वाली थी। 11 अगस्त का शाम दिग्गज शायर, कवि, नेता राहत इंदौरा शायरी की दुनिया को विरान कर इस दुनिया से चले गये।

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11 अगस्त की शाम हिंदी और उर्दू जगत के कवियों के लिए काफी परेशान करने वाली थी। 11 अगस्त का शाम दिग्गज शायर, कवि, नेता राहत इंदौरी शायरी की दुनिया को विरान कर इस दुनिया से चले गये। राहत इंदौरी को 10 अगस्त को कोरोना वायरस के शुरूआती लक्षणों के दिखने के बाद इंदौर के अरबिंदों अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। डॉक्टरों के अनुसार कोविड के इलाज के दौरान राहत साहब को दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उनका निधन हो गया। राहत साहब ने कई बड़ी बड़ी फिल्मों के लिए गीत लिखे थे। उनकी जुबां से निकले शब्दों का कोई तोड़ नही होता था। इंदौरी साहब को क्रांतिकारी कवि कहा जाता था। राहत इंदोरी (1 जनवरी 1950 – 11 अगस्त 2020) एक भारतीय बॉलीवुड गीतकार और उर्दू भाषा के कवि थे साथ ही वह उर्दू भाषा के पूर्व प्रोफेसर और एक चित्रकार भी थे। राहत इंदौरी ने 70 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा किया है। 70 साल की तक की उम्र में उन्होंने बहुत कुछ किया और लोगों को बहुत कुछ सिखाया है। राहत साहब का जाना शायरी की दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।

राहत इंदौरी का असली नाम राहत कुरैशी था, बाद में ये नाम पूरी दुनिया में राहत इंदौरी के नाम से जाना गया। राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर में रफतुल्लाह कुरैशी के घर हुआ। राहत एक कपड़ा मिल मजदूर के बेटे थे। पूरी दुनिया में उन्होंने अपना नाम अपने दम पर बनाया था।उनकी मां मकबूल उन निसा बेगम घरों में काम करती थी। राहत अपनी मां के चौथे बच्चे थे।

राहत इंदौरी ने अपनी स्कूली शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर से की जहाँ से उन्होंने अपनी हायर सेकंडरी पूरी की। उन्होंने 1973 में इस्लामिया करीमिया कॉलेज, से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1975 में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल (मध्य प्रदेश) से उर्दू साहित्य में एमए पास किया। राहत को भोज विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई।

इंदौरी ने पिछले 40 – 45 वर्षों से मुशायरा और कवि सम्मेलन में प्रस्तुति दी। उन्होंने कविता पाठ करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से यात्रा की है। उन्होंने भारत के लगभग सभी जिलों में काव्य संगोष्ठियों में भाग लिया है और कई बार यूएसए, यूके, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, सिंगापुर, मॉरीशस, केएसए, कुवैत, कतर, बहरीन, ओमान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल आदि की यात्रा भी की है।

संजय दत्त की फिल्म मुंन्ना भाई एमबीबीएस , खुद्दार, नजर, मिशन कश्मीर, घातक, बेगम जान जैसी सुपरहिट फिल्मों के लिए गीत लिखे। उनके इन फिल्मों के गाने काफी मशहूर हुए। राहत साहब का बोले तो मुन्ना भाई…. भी काफी मशहूर गाना है।

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